जानकारी के अनुसार जिले के जलालपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सम्हौता ग्राम निवासी आंनद कुमार की पत्नी को बुधवार को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन सदर अस्पताल छपरा में ले आए जहां समय पर उचित इलाज नहीं मिलने पर महिला की मौत हो गई। मृतक महिला के परिजनों ने बताया कि बुधवार को आनंद कुमार की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर सदर अस्पताल छपरा ले आए अस्पताल में कार्यरत नर्सो ने महिला को निजी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी लेकिन महिला के परिजनों के पास पैसे नहीं होने पर महिला के परिजनों ने निजी अस्पताल में ले जाने पर असमर्थता जताई जिसके बाद सदर अस्पताल में तैनात नर्सिंग स्टाफ ने प्रसव पीड़ित महिला को पटना ले जाने की बात कही.
मृतक महिला के परिजनों ने बताया कि पटना ले जाने के लिए एम्बुलेंस का किराया 3500 रूपए होने के कारण परिजनों के पास पैसे नहीं होने के कारण परिजन महिला को पटना नहीं ले जा सके।छपरा सदर अस्पताल में प्रसव पीड़ित महिला को किसी प्रकार की सहायता नहीं मिलने एवं परिजनों के पास पैसे का आभाव होने के का प्रसव पीड़ित महिला की मौत हो गई। महिला कीमौत हो जाने के बाद सरकारी लचर व्यवस्था एवं पैसे के आभाव में मृतका के परिजन शव को लेकर इधर-उधर भटकते है।
कहीं से सहायता न मिलता देख मृतक महिला को परिजन एसपी कोठी के बाहर जा बैठे जहां एक पत्रकार द्वारा घटना की सूचना पुलिस अधीक्षक को देने के बाद पुलिस अधीक्षक के दिशा निर्देशों पर पुलिस ने महिला के शव को परिजनों के साथ पुलिस वाहन से घर पहुंचाया।
घटना के संबंध में जानकारी लेने के लिए जिले के सीएस से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं लग रहा था। विदित रहे कि जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल छपरा सदर अस्पताल में पूर्व में भी चिकित्सीय स्टाफ पर दलाली करने का आरोप लगते रहे हैं। बुधवार को इलाज के आभाव में एक प्रसव पीड़ित महिला की मौत भी सदर अस्पताल की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रही है।