छपरा की बेटी श्रेया ने नीट परीक्षा में लहराया सफलता का परचम, अब डॉक्टर बनकर करेगी सेवा
जब भी तनाव महसूस होता था तो अपनी मां सवीता देवी और शिक्षकों से बात करती थी। मेरे मम्मी-पापा और शिक्षक का मुझे बहुत सपोर्ट मिला है। शोसल मीडिया का इस्तेमाल से बिल्कुल दूरी रखी। पुराने पेपर का एनालिसिस और माक टेस्ट के माध्मम से यह अंक हासिल किए। मेरा मनना है कि पढ़ाई में रिवीजन और नियमितता जरूरी है।
पांच-दस साल पुराने पेपर को हल करने से बहुत लाभ हुआ। ऐसा नहीं है कि परीक्षा में वही प्रश्न आएं। लेकिन उन्हीं प्रश्न पत्रों से मिलते जुलते सवाल आते हैं। जिन्हें हल करना आसान हो जाता है और समय भी बचता है।
उन्होंने बतायी कि यह मेरा तीसरा अटेम्ट था। मगर मैं निराश नहीं हुई । प्रयास जारी रखा। डीमोटिवेट नहीं हों और लक्ष्य तय कर लगतार मेहनत पढ़ाई करें। सफलता मिलनी ही है। उन्होंने बतायी कि प्रवेश के लिए पटना एम्स मेरी पहली प्राथमिकता होगी। मेरी ईच्छा एमबीबीएस करने की है। ज्ञात हो कि गत सालों की आपेक्षा में इस बार पेपर काफी आसान था।
इसलिए बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने सफलता अर्जित की है। अंदाजा है कि 610 नंबर से ऊपर वालों को सरकारी मेडिकल कालेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश मिल जाएगा।