बिहार में खनन का आधा राजस्व केवल सोन से बिहार में खनन का आधा राजस्व केवल सोन से आता है. खनन विभाग को इसी नदी घाट से सबसे ज्यादा राजस्व की प्राप्ति होती है. बीते वित्तीय वर्ष में बालू खनन से करीब 3300 करोड़ रुपये के राजस्व की वसूली हुई. इसमें 50 से 55 फीसदी राजस्व इसी नदी घाटों से आया. पूरे राज्य में रोजाना करीब 50 से 55 हजार चालान जारी होता है. इसमें करीब आधे चालान इन इलाकों के होते हैं. एक बालू लदे वाहन के लिए एक चालान जारी किया जाता है. यह ट्रक या ट्रैक्टर भी हो सकता है. सोन नदी का बालू सबसे बेहतरीन माना जाता है. यह बालू हल्का लाल और सुनहरे रंग का होता है. ढलाई और प्लास्टर दोनों के लिए काफी उपयुक्त है. इसकी मांग सबसे ज्यादा है. इसकी कीमत भी गंगा की सफेद रेत से दो से ढाई गुणा अधिक होती है. इसके करीब 130 से 140 घाटों पर अभी खनन कार्य चल रहा है.