Thursday, February 13, 2025
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काराकाट लोकसभा : पवन सिंह बिगाड़ सकते हैं NDA का खेल, महागठबंधन प्रत्याशी का होगा फायदा !

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पवन सिंह की सबसे बड़ी ताकत उनका राजपूत होना है। हालांकि यह कुशवाहा बहुल सीट है। कुशवाहा, राजपूत और यादव समुदाय के दो-दो लाख मतदाता हैं, डेढ़ लाख मुस्लिम मतदाता हैं। दरअसल, अगड़ी जाति के वोट कुशवाहा और पवन सिंह में बटेंगे तो इसका सीधा फायदा महागठबंधन प्रत्याशी को होगा। काराकाट का इलाका कम्युनिस्ट आंदोलन के लिए चर्चित रहा है।

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काराकाट सीट 2009 में अस्तित्व में आई। पहले सांसद जदयू के महाबली सिंह थे। 2014 में एनडीए के घटक दल रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जीते। 2019 में जदयू के महाबली सिंह ने महागठबंधन से लड़ रहे उपेंद्र कुशवाहा को हरा दिया। इस बार कुशवाहा का सीधा मुकाबला पवन सिंह से है। उधर इन दोनों की लड़ाई में माले के राजाराम सिंह को फायदा हो सकता है।

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<p><strong>2019 का जनादेश</strong></p>
<p>जेडी(यू) के महाबली सिंह 3,98,408 वोट से जीते<br />
रालोसपा के उपेन्द्र कुशवाहा को 3,13,866 वोट मिले<br />
नोटा को 22,104 मत पड़े</p>
<p><strong>2014 का जनादेश</strong></p>
<p>रालोसपा के उपेन्द्र कुशवाहा 3,38,892 वोट से जीते<br />
आरजेडी के कांति सिंह को 2,33,651 वोट मिले<br />
जेडी(यू) के महाबली सिंह को 76,709 वोट मिले</p>
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